निरुपमा हत्याकांडः झूठ और सच की परतें- चौथी कड़ी
दिल्ली पहुंचे कोडरमा पुलिस के एक अधिकारी शिव प्रसाद ने दिल्ली में तीन दिनों तक प्रियभांशु के अलावा प्रियभांशु और निरुपमा के कुछ ऐसे दोस्तों से लंबी पूछताछ की थी जिनका भी नाम दोनों के बीच एसएमएस संवाद में आया था या प्रियभांशु के जवाब में जिनका जिक्र आया था.
6 मई को पहले दिन की पूछताछ में प्रियभांशु से निरुपमा और उसके रिश्तों के तमाम आयाम पर बहुत सारे सवाल किए गए. उससे ऐसे सवाल भी किए गए जिसे हम यहां नहीं लिख सकते लेकिन उन सवालों का मकसद यह मालूम या साबित करना था कि प्रियभांशु ने निरुपमा के साथ जबर्दस्ती संबंध बनाए थे. उससे बार-बार पूछा गया और कई बार तो एक साथ छह लोगों ने चिल्लाकर पूछा कि क्या निरुपमा से उसकी कभी अनबन हुई थी. हर सवाल का सच उसने बताया.
उसने पुलिस को ये भी बताया कि दोनों ने 6 मार्च को शादी करने का फैसला किया था और इसके लिए आर्य समाज मंदिर में अग्रिम भुगतान भी कर दिया गया था. इस शादी का निमंत्रण दोनों ने अपने भरोसेमंद और नजदीकी दोस्तों को दिया. कुछ दिल्ली भी आ गए थे और कुछ ने तोहफे खरीद लिए थे. लेकिन फिर निरुपमा ने शादी से पहले कहा कि वो अपने घर वालों को मनाने की एक कोशिश और करना चाहती है. निरुपमा के इस विचार पर प्रियभांशु ने भी सहमति दे दी.
पूछताछ में पुलिस वालों के दो सवाल ऐसे थे जिसका जवाब प्रियभांशु के पास नहीं था. पहला सवाल ये था कि उसे कैसे नहीं पता था कि निरुपमा मां बनने वाली है और दूसरा सवाल था कि निरुपमा ने उसे 29 अप्रैल की सुबह 5.39 बजे के बाद भी कुछ एसएमएस किए थे, जिसे उसने मिटा दिया है और उसके बारे में छुपा रहा है.
प्रियभांशु रंजन ने पुलिस को बताया कि अगर निरुपमा मां बनने वाली थी तो वो बच्चा उसका ही है लेकिन निरुपमा ने उसे ये नहीं बताया था, ये भी उतना ही सच है. जब इस पर भ्रम फैला तो कहा गया कि प्रियभांशु को ये कैसे नहीं पता हो सकता, वो लोगों को उल्लू बना रहा है. सच्चाई की तलाश में कुछ पत्रकारों ने स्त्री रोग विशेषज्ञों से बात की. इस बातचीत के बाद डॉक्टरों के हवाले से अखबारों में खबर छपी कि शरीर के अंदरूनी कारणों से यह संभव है कि खुद निरुपमा को ही इस बात का पता न हो कि वो मां बनने वाली है.
29 अप्रैल की सुबह 5.39 बजे के बाद के एसएमएस के सवाल पर प्रियभांशु ने बताया कि उसे मिला आखिरी एसएमएस सुबह 5.39 बजे का ही है. चौंकाने लायक बात यह भी है कि यह आखिरी एसएमएस उसे 28 अप्रैल की रात 8 बजे भी मिला था और उसी रात 8.52 बजे भी मिला था. एक ही एसएमएस उसे तीन बार मिले जो निरुपमा के मोबाइल से आए आखिरी तीन मैसेज थे और तीनों में संदेश एक ही था.
एसएमएस में निरुपमा ने प्रियभांशु को लिखा था, ‘मैं आने की कोशिश करूंगी. तुम पेशेंस रखो. और बिना मेरे कहे कोई एक्सट्रीम स्टेप मत उठाना. मेरी अंकिता से बात हुई है. तुम अपने आप को कुछ मत करना.’ इस एसएमएस से पहले भी दोनों के बीच 28 अप्रैल को मोबाइल पर एक बार बात हुई और कुछ एसएमएस आए-गए.
दोनों के बीच एसएमएस और फोन पर क्या बात हुई, इस पर अगले दिन बात करेंगे. इस पूछताछ में एक अहम बात ये थी कि कोडरमा से जो अधिकारी शिव प्रसाद पूछताछ के लिए दिल्ली आए थे उन्होंने पूछताछ के लिए बुलाए गए निरुपमा के एक मित्र को पूछताछ के बाद दो घंटा तक ब्रह्म ज्ञान दिया.
शिव प्रसाद ने उससे कहा, “एक अच्छे पेशेवर और एक अच्छा दोस्त तो बाद में बनोगे, पहले एक अच्छा इंसान बनो. एक अच्छा इंसान होने के नाते तुम्हारा फर्ज बनता था कि तुम उन्हें रोकते, उन्हें समझाते कि घर वालों की मर्जी से शादी करो, अगर घर वाले नहीं कहते हैं तो शादी मत करो. आजकल बच्चों का संस्कार खराब हो गया है. वो धर्म, जाति और संस्कार समझते ही नहीं. आप जैसे लोगों के कारण संस्कृति खराब हो रही है, ये आपकी पीढ़ी की समस्या है.”
इन अधिकारी महोदय ने ये भी कहा कि उनका एक बेटा और एक बेटी है, अगर उनके बच्चे ऐसा करते तो वो भी इसे बर्दाश्त नहीं करते. शिव प्रसाद ने ये नहीं बताया कि वो अपने बच्चों के जाति से बाहर मोहब्बत करने और शादी की जिद पर अड़ जाने पर क्या करते लेकिन उसे सहन नहीं करते तो कुछ असहनीय ही करते, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.
शिव प्रसाद के इस ब्रह्म ज्ञान को निरुपमा का मित्र जब मामले का ट्रायल शुरू होगा तो कोर्ट में हलफनामा के साथ दाखिल करेगा. यह इसलिए जरूरी है कि ऑनर किलिंग के मामले में पुलिस ने ऐसे अधिकारी को जांच में क्यों लगाया जो खुद ऐसे विचार, ऐसी मान्यताओं का गुलाम है. एक ऐसा अधिकारी जो निरुपमा और प्रियभांशु के रिश्ते को अपने पुरातन नजरिए से देख रहा है वो आदमी अपनी जांच की दिशा, जांच के बिन्दु और उसके नतीजे कहां ले जाएगा, इसकी कल्पना करके कानून की धड़कन तेज हो सकती हैं.
साभारः मोहल्ला
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